The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर Shiv chaisa लीन बचाई॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक shiv chalisa lyricsl कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥